उत्तराखंड बागेश्वर जनपद के कपकोट ब्लॉक ग्राम रिखारी के मलमधार टोक मै हुआ आज सूबे सलेंडर फटने से पूरा घर जल के हुआ ख़तम....
घर के मुखिया का नाम = गनेश राम जो अपने घर से दूर दिल्ली मै काम करते है
पत्नी का नाम - दुर्गा देवी जो अपने बच्चों के साथ गांव मै रहती है ।
आग लगने का मुख्य कारण बताया गया है कि सिलेंडर रेगुलेटर लिक हो रहा था लेकिन घर वालों ने उसे किसी घरेलू तरीके से रुका था लेकिन यह अधिक दिन तक रुक नहीं पाया
घर मै सूबे मंदिर मै पूजा करने के बाद दिया जलाया था और सूबे नस्ता बनाने के बाद रेगुलेटर ऑफ करना भूल गए जिसके कारण गैस पूरे घर मै फेल गया और दिए ने पूरे घर मै आग लगा दी ।
घर पूरी तरह से जल गया अंदर का कुछ भी सामान नहीं बचा खाने पीने का सामान कपड़े पैसे जेवरात सारा कुछ जल कर भस्म हो गया ।
और अच्छी ख़बर ये है कि घर के किसी भी सदस्य को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
गांव के लोगो ने आग पर बड़ी मुश्किल बाद काबू किया तब तक घर पूरी तरह तहश नहश हो गया था
गांव ऐसे जगे स्थापित है जहा पर फायर बिगेट टीम भी नहीं पहुंच सकती क्यूकी अभी तक उस गांव मै रोड की कोई सुविधा नहीं है अगर उस गांव मै रोड की सुविधा होती तो कुछ हद तक घर को बचाया जा सकता था
आज भी उत्तराखंड के कई ऐसे गाव है जहा पर रोड तो दूर की बात है कोई मेडिकल कॉलेज नेटवर्क समस्या बिजली तक नहीं है।
जिसके कारण हमारे उत्तराखंड के कोई लोग सुख सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के कारण बहुत से घटनाएं हो जाते है जिनको होने से बचाया जा सकता था लेकिन गांव मै कोई सुविधा नहीं होने के कारण लोग कई परसनी का सामना करना पड़ता है
नोट -:
अगर आप भी मेरे इस तर्क से सहमत है तो आप अपना जवाब कॉमेंट करके जरूर बताएंए
घर के मुखिया का नाम = गनेश राम जो अपने घर से दूर दिल्ली मै काम करते है
पत्नी का नाम - दुर्गा देवी जो अपने बच्चों के साथ गांव मै रहती है ।
आग लगने का मुख्य कारण बताया गया है कि सिलेंडर रेगुलेटर लिक हो रहा था लेकिन घर वालों ने उसे किसी घरेलू तरीके से रुका था लेकिन यह अधिक दिन तक रुक नहीं पाया
घर मै सूबे मंदिर मै पूजा करने के बाद दिया जलाया था और सूबे नस्ता बनाने के बाद रेगुलेटर ऑफ करना भूल गए जिसके कारण गैस पूरे घर मै फेल गया और दिए ने पूरे घर मै आग लगा दी ।
घर पूरी तरह से जल गया अंदर का कुछ भी सामान नहीं बचा खाने पीने का सामान कपड़े पैसे जेवरात सारा कुछ जल कर भस्म हो गया ।
और अच्छी ख़बर ये है कि घर के किसी भी सदस्य को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
गांव के लोगो ने आग पर बड़ी मुश्किल बाद काबू किया तब तक घर पूरी तरह तहश नहश हो गया था
गांव ऐसे जगे स्थापित है जहा पर फायर बिगेट टीम भी नहीं पहुंच सकती क्यूकी अभी तक उस गांव मै रोड की कोई सुविधा नहीं है अगर उस गांव मै रोड की सुविधा होती तो कुछ हद तक घर को बचाया जा सकता था
आज भी उत्तराखंड के कई ऐसे गाव है जहा पर रोड तो दूर की बात है कोई मेडिकल कॉलेज नेटवर्क समस्या बिजली तक नहीं है।
जिसके कारण हमारे उत्तराखंड के कोई लोग सुख सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के कारण बहुत से घटनाएं हो जाते है जिनको होने से बचाया जा सकता था लेकिन गांव मै कोई सुविधा नहीं होने के कारण लोग कई परसनी का सामना करना पड़ता है
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